
नेशनल डेस्क, श्रेया पांडेय |
अमिताभ कांत ने दिया G20 शेरपा के पद से इस्तीफा, 45 वर्षों की सेवा का किया उल्लेख
देश के वरिष्ठ प्रशासक और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने मंगलवार को G20 शेरपा के पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इस बारे में जानकारी खुद सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक पोस्ट के माध्यम से दी। अमिताभ कांत ने अपने 45 वर्षों के लंबे और समर्पित सरकारी सेवा जीवन का उल्लेख करते हुए इसे 'गौरवपूर्ण यात्रा' बताया।
G20 शेरपा के रूप में अमिताभ कांत की भूमिका काफी अहम रही है। भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान उन्होंने वैश्विक मंच पर देश की स्थिति को सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी अगुवाई में भारत ने G20 के तहत कई ऐतिहासिक घोषणाएं और समझौते किए, जिनमें डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, जलवायु परिवर्तन और समावेशी विकास जैसे विषय शामिल थे।
सोशल मीडिया पर साझा की गई अपनी पोस्ट में कांत ने लिखा, “45 वर्षों की सरकारी सेवा के बाद G20 शेरपा के रूप में मेरी यात्रा समाप्त हो रही है। यह एक अविस्मरणीय अनुभव रहा, जिसमें मुझे देश की सेवा करने और वैश्विक स्तर पर भारत का नेतृत्व करने का अवसर मिला। मैं उन सभी साथियों, अधिकारियों और नेताओं का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने इस यात्रा में मेरा साथ दिया।”
उन्होंने अपनी पोस्ट में यह भी संकेत दिया कि वह अब अन्य क्षेत्रों में अपने अनुभव का उपयोग करना चाहेंगे, जिससे देश को आगे बढ़ाने में योगदान दिया जा सके। हालांकि उन्होंने अपनी अगली भूमिका के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा है।
अमिताभ कांत एक अनुभवी आईएएस अधिकारी हैं जिन्होंने अपने करियर के दौरान ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्टार्टअप इंडिया’ और ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ जैसे कई महत्वपूर्ण अभियानों का नेतृत्व किया है। उन्हें एक दूरदर्शी प्रशासक और प्रभावशाली नीति निर्माता के रूप में जाना जाता है।
उनके इस्तीफे के बाद यह चर्चा भी तेज हो गई है कि अब G20 शेरपा की जिम्मेदारी किसे सौंपी जाएगी। सरकार की ओर से इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
अमिताभ कांत का यह निर्णय निश्चित ही एक युग का अंत है, लेकिन उनके द्वारा किए गए कार्य देश की नीतिगत दिशा को लंबे समय तक प्रभावित करते रहेंगे।