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अरेराज: अखिलेश सिंह ने साधा बिहार सरकार पर निशाना

रिपोर्ट : श्रेयांश परासर 

राहुल गांधी के नेतृत्व में बिहार में शिक्षा ‘न्याय संवाद’ शुरू, अरेराज में पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गरजे

कांग्रेस पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की अगुआई में बिहार में ‘शिक्षा न्याय संवाद’ अभियान की शुरुआत की है। इसी क्रम में पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री व वर्तमान राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने अरेराज में छात्रों व युवाओं से संवाद किया। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने बिहार सरकार पर निशाना साधा और कहा कि डबल इंजन सरकार युवाओं व शिक्षा के मुद्दों को गंभीरता से नहीं ले रही है। न रोजगार को लेकर कोई नीति है, न ही शिक्षा के क्षेत्र में ठोस पहल। बिहार का युवा खुद को ठगा महसूस कर रहा है और कांग्रेस पार्टी उनके हक के लिए सड़क से संसद तक संघर्ष करेगी।

कांग्रेस पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की अगुआई में बिहार भर में शिक्षा ‘न्याय संवाद’ अभियान की शुरुआत की है। इसी कड़ी में अरेराज में आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ कांग्रेस नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने छात्रों व युवाओं से संवाद किया। उन्होंने बिहार की डबल इंजन सरकार पर शिक्षा और युवाओं की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार सिर्फ छलावा कर रही है।

अखिलेश सिंह ने मांग की कि दलित, पिछड़ा व अति-पिछड़ा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में जनसंख्या के अनुपात में भागीदारी मिले। उन्होंने अनुच्छेद 15(5) को तत्काल लागू कर निजी संस्थानों और प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण सुनिश्चित करने की बात कही। साथ ही SC-ST सब-प्लान लागू कर 8,800 करोड़ रुपये के फंड में हुई हेराफेरी पर जवाब मांगा।उन्होंने शिक्षा के ढांचे को मजबूत करने, सभी स्कूलों में कंप्यूटर, हर प्रखंड में डिग्री कॉलेज, मुफ्त शिक्षा (केजी से पीजी), 4.63 लाख रिक्त सरकारी पदों पर भर्ती, और सभी कॉलेजों में प्लेसमेंट सेल स्थापित करने की मांग रखी।

अखिलेश सिंह ने निम्न प्रमुख मांगें रखीं:
    1.    दलित, पिछड़ा और अति-पिछड़ा वर्ग को शिक्षा व नौकरियों में जनसंख्या के अनुपात में भागीदारी।
    2.    अनुच्छेद 15(5) को लागू कर निजी क्षेत्र में आरक्षण।
    3.    SC-ST सब-प्लान को लागू कर फंड की हेराफेरी पर सरकार का जवाब।
    4.    केजी से पीजी तक मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा।
    5.    4.63 लाख खाली सरकारी पदों पर शीघ्र नियुक्ति।
    6.    ₹2,135 करोड़ शिक्षा कर्ज को माफ किया जाए।
    7.    हर कॉलेज में प्लेसमेंट सेल, डिजिटल लाइब्रेरी और आधुनिक शैक्षणिक ढांचा।