ईरान कुछ महीनों में परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम संवर्धन शुरू कर सकता है: यूएन परमाणु प्रमुख

विदेश डेस्क, ऋषि राज |
संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निगरानी संगठन अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफाएल ग्रोसी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि ईरान अगले कुछ महीनों में यूरेनियम का संवर्धन इस स्तर तक कर सकता है जिससे परमाणु बम बनाया जा सके। ग्रोसी का यह बयान अमेरिकी और इज़रायली हमलों के बाद सामने आया है, जिन्होंने दावा किया था कि ईरान की परमाणु क्षमताएं पूरी तरह नष्ट कर दी गई हैं।
अमेरिका और इज़रायल का दावा झूठा: IAEA प्रमुख
ग्रोसी ने कहा कि ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों – फोर्डो, नतांज़ और इस्फहान – पर अमेरिकी हमलों से भारी नुकसान हुआ है लेकिन ये "पूरी तरह से तबाह नहीं हुए हैं।"
"स्पष्ट रूप से कहा जाए तो कोई यह दावा नहीं कर सकता कि वहाँ कुछ भी शेष नहीं बचा है,” ग्रोसी ने सीबीएस न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में कहा।
ग्रोसी के अनुसार, ईरान अब भी तकनीकी और औद्योगिक क्षमता रखता है जिससे वह यदि चाहे तो कुछ महीनों में फिर से सेंटरफ्यूज चलाकर संवर्धित यूरेनियम का उत्पादन शुरू कर सकता है।
परमाणु बम निर्माण की दिशा में ईरान कितनी दूर?
IAEA की रिपोर्ट बताती है कि:
ईरान के पास पहले से 60% संवर्धित यूरेनियम की पर्याप्त मात्रा है, जिससे 9 परमाणु बम बनाए जा सकते हैं।
संवर्धन की शुरुआत दोबारा होने पर, यह प्रक्रिया कुछ ही महीनों में हथियार-ग्रेड स्तर तक पहुंच सकती है।
ईरान की स्थिति और बयानबाज़ी
ईरान की ओर से बयानबाज़ी में विरोधाभास नजर आ रहा है।
सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने कहा कि हमलों का कोई खास असर नहीं हुआ। जबकि विदेश मंत्री अब्बास अराक़ची ने माना कि "गंभीर और अत्यधिक क्षति" हुई है।
ईरान की संसद ने इस हफ्ते IAEA के साथ सहयोग निलंबित कर दिया है। अराक़ची ने IAEA प्रमुख ग्रोसी के साइटों पर जाने की इच्छा को "दुर्भावनापूर्ण इरादा" बताया।
ट्रंप का जवाब: “बमबारी दोहराई जा सकती है”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि ईरान की परमाणु साइट्स "पूरी तरह तबाह" कर दी गई हैं और उन्होंने ग्रोसी की रिपोर्ट को "मीडिया की एक और कोशिश" बताया अपने सैन्य हमलों को कमजोर बताने की।
ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि खुफिया जानकारी से पता चला कि ईरान फिर से संवर्धन कर रहा है, तो वह फिर से हमला करने में बिल्कुल नहीं हिचकिचाएंगे।
परमाणु समझौते की स्थिति
2015 में हुआ परमाणु समझौता (Joint Comprehensive Plan of Action) ईरान को 3.67% से अधिक संवर्धन की अनुमति नहीं देता था।
ट्रंप ने 2018 में इस समझौते से अमेरिका को बाहर कर लिया और ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगाए।
इसके जवाब में ईरान ने भी फोर्डो में संवर्धन फिर से शुरू कर दिया और समझौते की कई शर्तों का उल्लंघन किया।
समाधान की उम्मीद?
ग्रोसी ने कहा कि वे अभी भी ईरान के साथ राजनयिक बातचीत की उम्मीद रखते हैं:
"सैन्य हमलों के बाद अब इस पूरे संकट का समाधान केवल कूटनीतिक वार्ता से ही संभव है। मैं चाहता हूं कि ईरान से बैठकर शांति से बात की जाए।”
ईरान की परमाणु क्षमता पूरी तरह नष्ट नहीं हुई है। आने वाले 3–6 महीनों में ईरान फिर से यूरेनियम संवर्धन शुरू कर सकता है।
IAEA, अमेरिका और इज़रायल के बीच भरोसे की खाई बढ़ रही है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए अब जरूरत है राजनयिक प्रयासों को फिर से सक्रिय करने की।