
लोकल डेस्क, एन के सिंह |
ऋषिकुल आश्रम संस्कृत उपशास्त्री महाविद्यालय में शासी निकाय की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न, शिक्षकों की कमी पर चिंता, समाधान हेतु मंथन, शासी निकाय ने विश्वविद्यालय से मार्गदर्शन मांगने और शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए सचिव को दिए निर्देश।
ऋषिकुल आश्रम संस्कृत उपशास्त्री महाविद्यालय में नवगठित शासी निकाय की पहली महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को सफलतापूर्वक संपन्न हुई। महाविद्यालय के अध्यक्ष और गोविंदगंज विधायक सुनील मणि तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में महाविद्यालय के सुचारु संचालन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु कई अहम प्रस्तावों पर गहन चर्चा हुई।
बैठक का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा आगंतुक अतिथियों को अंग वस्त्र भेंट कर किया गया, जिसके उपरांत छात्रों ने मंगलाचरण से सभी का हार्दिक स्वागत किया। विधायक सुनील मणि तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के दिशा-निर्देशों के आलोक में महाविद्यालय में शासी निकाय का पूर्ण गठन किया गया है, और यह बैठक उसी के बाद पहली महत्वपूर्ण बैठक थी।
बैठक में सबसे महत्वपूर्ण विषयों में से एक शिक्षकों की भारी कमी पर गहन विचार-विमर्श किया गया। विधायक ने अवगत कराया कि महाविद्यालय में छात्रों की संख्या पर्याप्त है, किंतु उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षकों का अभाव है। वर्तमान में, एकमात्र प्रभारी प्रधानाचार्य सुरेंद्रनाथ द्विवेदी ही अध्यापन कार्य के साथ-साथ महाविद्यालय का समस्त प्रशासनिक कार्यभार भी संभाल रहे हैं। इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए, सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि महाविद्यालय के सफल संचालन और शिक्षकों की कमी के समाधान हेतु सचिव मिथिलेश दीक्षित विश्वविद्यालय से मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे। उन्हें इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि शासी निकाय के गठन में स्थानीय विधायक सुनील मणि तिवारी, मिथिलेश दीक्षित, अनुमंडल पदाधिकारी, डॉ. अश्विनी कुमार शर्मा, प्रभारी प्राचार्य सुरेंद्रनाथ द्विवेदी और स्वामी हरदेवानंद सरस्वती शामिल हैं।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर शासी निकाय के सदस्यों के अतिरिक्त, स्थानीय मुखिया सुदीश कुमार, सुरेश महतो, दैनिक वेतन भोगी शिक्षक मुकुल कुमार पाण्डेय, अनुपम कुमार, सफाईकर्मी राहुल कुमार सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस बैठक से यह उम्मीद जगी है कि महाविद्यालय में शिक्षा के स्तर को सुधारने और छात्रों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में जल्द ही ठोस कदम उठाए जाएंगे।