
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
गाजा में लंबे समय से जारी खून-खराबे और युद्ध के बीच आखिरकार शांति की दिशा में एक बड़ी पहल सामने आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में इजरायल और हमास के बीच एक अहम समझौता हुआ है, जिसके तहत गाजा में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई का रास्ता खुल गया है। इस समझौते को स्थायी शांति की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
ट्रंप का ऐतिहासिक ऐलान
बुधवार देर रात अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए घोषणा की कि “मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि इजरायल और हमास दोनों ने हमारे शांति समझौते के पहले चरण पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसका अर्थ है कि सभी बंधकों की रिहाई प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।”
ट्रंप ने इसे “गाजा में स्थायी शांति की दिशा में पहला ठोस कदम” बताया। उन्होंने कहा कि इस समझौते से हजारों निर्दोष नागरिकों की जान बचाई जा सकेगी और आने वाले महीनों में क्षेत्र में स्थिरता लौटेगी।
मिस्र में हस्ताक्षर का पहला चरण
सूत्रों के अनुसार, इस समझौते के पहले चरण पर हस्ताक्षर गुरुवार को काहिरा (मिस्र) में होंगे। मिस्र, कतर, अमेरिका और तुर्की इस शांति प्रक्रिया के गारंटर बनेंगे। सभी पक्षों ने सहमति जताई है कि जब तक समझौते की शर्तों का पालन होता रहेगा, दोबारा किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई नहीं की जाएगी।
समझौते की प्रमुख बातें
इस समझौते में कई मानवीय और रणनीतिक प्रावधान शामिल हैं।
- पहला, गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए पांच सीमाई प्रवेश द्वार तुरंत खोले जाएंगे, ताकि भोजन, दवाइयां और चिकित्सा सेवाएं प्रभावित लोगों तक पहुंच सकें।
- दूसरा, गाजा के भीतर वापसी मानचित्र में बदलाव किया जाएगा ताकि विस्थापित नागरिक अपने घरों में लौट सकें।
- तीसरा, समझौते के पहले चरण में 20 इजरायली बंधकों को रिहा किया जाएगा, जबकि आने वाले हफ्तों में शेष बंधकों की रिहाई के लिए दूसरा चरण शुरू किया जाएगा।
- चौथा, हमास ने सहमति दी है कि वह गाजा में संयुक्त मानवीय निगरानी टीमों को काम करने की अनुमति देगा, जिनमें संयुक्त राष्ट्र, मिस्र और कतर के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
स्थायी शांति की उम्मीद
यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब गाजा में जारी संघर्ष ने हजारों लोगों की जान ले ली है और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। पिछले कई महीनों से गाजा का बड़ा हिस्सा विनाश और मानवीय संकट का केंद्र बना हुआ था। अस्पतालों, स्कूलों और नागरिक ढांचों पर लगातार हमले हो रहे थे। ऐसे में यह समझौता क्षेत्र के लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
इस समझौते पर दुनिया के कई देशों ने अमेरिका और मिस्र की भूमिका की सराहना की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने बयान जारी कर कहा कि “यदि यह पहल ईमानदारी से लागू की गई, तो यह मध्य पूर्व में स्थायी शांति की नींव रख सकती है।” वहीं यूरोपीय संघ और भारत ने भी इस समझौते का स्वागत करते हुए इसे सकारात्मक कदम बताया है।
हमास और इजरायल की प्रतिक्रिया
हमास के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि “हमने इस शांति पहल को मानवीय दृष्टिकोण से स्वीकार किया है ताकि गाजा के लोगों की पीड़ा को कम किया जा सके।” दूसरी ओर, इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि “बंधकों की रिहाई और नागरिक सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, और हम इस दिशा में हर कदम सावधानी से उठाएंगे।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह समझौता सफलतापूर्वक लागू हुआ, तो यह मध्य पूर्व में दशकों पुराने संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है। अमेरिकी प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि अगले चरण में वेस्ट बैंक और गाजा के दीर्घकालिक प्रशासनिक ढांचे पर भी चर्चा की जाएगी।
इस समझौते के साथ गाजा में स्थायी शांति की संभावना फिर से जगी है; एक ऐसा कदम जो वर्षों से बर्बादी झेल रहे इस क्षेत्र के लिए नई शुरुआत साबित हो सकता है।