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स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार |
तेलंगाना बीजेपी विधायक टी. राजा सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा; रामचंद्र राव की नियुक्ति पर जताई नाराजगी, बोले- ‘चुप्पी को सहमति न समझें’
तेलंगाना के गोशामहल से बीजेपी विधायक टी. राजा सिंह ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने यह कदम पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पूर्व एमएलसी रामचंद्र राव की संभावित नियुक्ति से असहमति जताते हुए उठाया। राजा सिंह ने अपने त्यागपत्र में इस फैसले को “सदमे और गहरी निराशा” से प्रेरित बताया है। उन्होंने अपना इस्तीफा तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी को सौंपा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राजा सिंह के खिलाफ कुल 105 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से 18 मामले सांप्रदायिक प्रकृति के हैं। वर्ष 2022 में पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया था, लेकिन अक्टूबर 2023 में उनका निलंबन समाप्त कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने गोशामहल से विधानसभा चुनाव लड़ा और लगातार तीसरी बार जीत हासिल की।
अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर उन्होंने दो पेज का पत्र साझा करते हुए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से फैसले पर पुनर्विचार करने और राज्य में उपयुक्त नेतृत्व देने की अपील की है। उन्होंने लिखा “कई लोगों की चुप्पी को सहमति नहीं माना जाना चाहिए। मैं सिर्फ़ अपनी नहीं, बल्कि उन हजारों कार्यकर्ताओं और समर्थकों की आवाज़ उठा रहा हूं, जो विश्वास के साथ हमारे साथ खड़े थे और आज खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।”
राजा सिंह का यह फैसला बीजेपी के लिए एक बड़ा नुकसान माना जा रहा है, क्योंकि वह तेलंगाना में पार्टी के सबसे प्रभावशाली जनजातीय नेताओं में से एक थे। बीजेपी अभी तक तेलंगाना में सत्ता में नहीं आ सकी है और लगातार अपनी विचारधारा के माध्यम से जन समर्थन पाने की कोशिश कर रही है।
विवादों से घिरे रहे टी राजा सिंह:
अगस्त 2022: पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ एक वीडियो में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिससे हैदराबाद में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। उन्हें गिरफ्तार किया गया, बाद में जमानत मिली, लेकिन शर्तों के उल्लंघन पर दोबारा हिरासत में लिया गया।
अप्रैल 2023: रामनवमी रैली में विवादास्पद बयान दिया यदि भारत ‘हिंदू राष्ट्र’ बनता है, तो केवल दो बच्चों की नीति अपनाने वालों को ही वोट देने का अधिकार होगा।
सितंबर 2023: एक भाषण में उन्होंने कहा कि “जो भी हिंदुत्व की ओर आँख उठाएगा, उसकी गर्दन काट दी जाएगी।”
जुलाई 2024: मध्य प्रदेश के धार जिले में भाषण के दौरान मुस्लिम पूजा स्थलों पर निशाना साधते हुए कट्टरपंथी विचार प्रस्तुत किए, जिन्हें भड़काऊ माना गया।
दिसंबर 2024: कहा कि यदि “जिहादियों” की आबादी यूं ही बढ़ती रही तो भविष्य में भारत में कोई हिंदू प्रधानमंत्री नहीं रहेगा।
फरवरी 2025: इंडिया हेट लैब की रिपोर्ट के आधार पर मेटा ने उनके जुड़े दो फेसबुक ग्रुप्स और तीन इंस्टाग्राम अकाउंट्स को हटाया, जिनमें 32 आपत्तिजनक पोस्ट्स थीं, जिनमें से 22 हिंसा को उकसाने वाली थीं।