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निशिकांत दुबे का कांग्रेस पर हमला: 150 से ज्यादा सांसद रूस के पैसे पर पलते थे

नेशनल डेस्क, वेरोनिका राय |

“150 से ज्यादा सांसद रूस के पैसे पर पलते थे”: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का कांग्रेस पर बड़ा हमला, CIA दस्तावेज का हवाला

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पार्टी पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस के 150 से ज्यादा सांसदों को सोवियत रूस से फंडिंग मिलती थी। दुबे ने इस आरोप का आधार अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए (CIA) के 2011 में सार्वजनिक किए गए एक दस्तावेज को बताया है। उनके अनुसार, ये सांसद सोवियत रूस के 'एजेंट' की तरह काम कर रहे थे।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर एक बार फिर तीखा हमला बोला है। इस बार उन्होंने अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए (CIA) के एक 2011 में डीक्लासीफाई किए गए दस्तावेज का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि 1970 और 1980 के दशक में कांग्रेस पार्टी के कई नेता, खासकर हरिकिशन लाल भगत (HKL Bhagat) की अगुवाई में 150 से ज्यादा सांसदों को सोवियत रूस से सीधा फंडिंग मिलता था।

दुबे ने दावा किया कि इन सांसदों का काम भारत में सोवियत रूस के एजेंडे को आगे बढ़ाना था। उनके मुताबिक, ये सभी नेता रूस के इशारे पर भारत की नीतियों, विदेश नीति और जनमत को प्रभावित करने का काम कर रहे थे।

CIA दस्तावेज में क्या है?
निशिकांत दुबे ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में सीआईए के उस दस्तावेज को साझा किया है जिसमें रूस की भारत में पैठ और फंडिंग के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। दस्तावेज के अनुसार:

  • सोवियत खुफिया एजेंसी केजीबी (KGB) ने भारत में लगभग 16,000 समाचार लेख छपवाए, जिनका मकसद भारतीय जनमत और सरकार की नीतियों को प्रभावित करना था।
  • दस्तावेज में बताया गया कि उस समय 1,100 रूसी खुफिया अधिकारी भारत में सक्रिय थे, जो राजनेताओं, नौकरशाहों, पत्रकारों, कारोबारी संगठनों, कम्युनिस्ट नेताओं और ओपिनियन मेकर के माध्यम से काम करते थे।
  • ये अधिकारी भारतीय तंत्र में गहरी घुसपैठ कर चुके थे और देश की नीतियों को रूसी हितों के मुताबिक प्रभावित करते थे।

दुबे ने यह भी आरोप लगाया कि उस दौर में कई भारतीय पत्रकार भी केजीबी से प्रभावित थे और सोवियत रूस की विचारधारा को बढ़ावा देने वाले लेख लिखते थे। उन्होंने कहा कि 16,000 लेखों का प्रकाशन कोई सामान्य बात नहीं थी, बल्कि यह रूस द्वारा प्रायोजित एक सुनियोजित दुष्प्रचार था।

सुभद्रा जोशी पर भी आरोप:
बीजेपी सांसद ने कांग्रेस की एक और वरिष्ठ नेता सुभद्रा जोशी पर आरोप लगाया कि उन्होंने चुनावी फंडिंग के लिए जर्मन सरकार से 5 लाख रुपये लिए थे। यह चुनाव वह हार गईं, लेकिन बाद में उन्हें इंडो-जर्मन फोरम की अध्यक्ष बना दिया गया। दुबे ने इसे भी विदेशी प्रभाव का उदाहरण बताया।

निशिकांत दुबे ने कहा कि अगर ये सब बातें अमेरिकी खुफिया एजेंसी के आधिकारिक दस्तावेजों में दर्ज हैं, तो कांग्रेस को इनका जवाब देना चाहिए। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए, ताकि देश को पता चल सके कि आज़ाद भारत के इतिहास में किस तरह विदेशी शक्तियों ने भारतीय लोकतंत्र को प्रभावित करने की कोशिश की।

इस पूरे मामले में कांग्रेस पार्टी की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन बीजेपी नेता के इस हमले से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है, और संभावना है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा संसद से लेकर मीडिया तक चर्चा में बना रहेगा।

निशिकांत दुबे के इस आरोप ने एक बार फिर भारत की पुरानी राजनीतिक व्यवस्था और विदेशी हस्तक्षेप के सवाल को उठाया है। अगर कांग्रेस इस पर खुलकर प्रतिक्रिया नहीं देती है, तो भाजपा इस मुद्दे को आगामी चुनावों में भी जोर-शोर से उठा सकती है। सीआईए के दस्तावेजों पर आधारित यह दावा केवल ऐतिहासिक नहीं, बल्कि वर्तमान राजनीति पर भी असर डाल सकता है।