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नेपाल में मूसलधार बारिश ने बिहार में मचाई तबाही: गंगा, कोसी समेत कई नदियों का जलस्तर बढ़ा

नेशनल डेस्क, वेरोनिका राय |

नेपाल में मूसलधार बारिश ने बिहार में मचाई तबाही: गंगा, गंडक, कोसी समेत कई नदियों का जलस्तर बढ़ा, कई जिलों में अलर्ट जारी

नेपाल में हो रही लगातार मूसलधार बारिश ने बिहार के कई जिलों के लिए आफत खड़ी कर दी है। राज्य की प्रमुख नदियां जैसे गंगा, गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक और घाघरा अपने सामान्य जलस्तर को पार करने के करीब पहुंच गई हैं। इन नदियों के जलस्तर में अचानक हुई तेजी से बढ़ोतरी से तटवर्ती जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। जल संसाधन विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है और प्रशासन ने बचाव एवं राहत कार्यों की तैयारी शुरू कर दी है।

गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब

गंगा नदी का जलस्तर पूरे बिहार में तेजी से बढ़ रहा है। बक्सर से लेकर कहलगांव तक स्थिति गंभीर होती जा रही है। बक्सर में गंगा नदी का जलस्तर 53.40 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से कुछ ही नीचे है। पटना के दीघा घाट पर जलस्तर 46.13 मीटर और गांधी घाट पर 45.11 मीटर दर्ज किया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार गंगा में लगभग 5 मीटर ज्यादा पानी बह रहा है, जिससे आसपास के दियारा इलाकों में पानी भरने लगा है और लोग घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में राजधानी पटना के कई घाटों—जैसे जेपी गंगा पथ, दीघा घाट और गांधी घाट का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को सतर्क रहने और राहत कार्यों के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए। इसके बाद जल संसाधन विभाग ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।

नेपाल की बारिश बनी बिहार के लिए खतरा

नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही तेज बारिश का सीधा असर बिहार की नदियों पर देखने को मिल रहा है। नेपाल से निकलने वाली नदियों जैसे कोसी, गंडक, बागमती और बूढ़ी गंडक का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। सुपौल में कोसी, सीतामढ़ी और दरभंगा में बागमती, तथा गोपालगंज में गंडक नदी के जलस्तर में खतरनाक इजाफा दर्ज किया गया है। इन इलाकों में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और राहत शिविरों की तैयारी शुरू कर दी गई है।

गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण गोपालगंज, पश्चिम चंपारण और पूर्वी चंपारण जिले प्रभावित हो सकते हैं। सुपौल में कोसी नदी ने लोगों की नींद उड़ा दी है। बाढ़ से पहले ही लोग गांव खाली करने की तैयारी में जुट गए हैं। प्रशासन की ओर से नावों की व्यवस्था और अस्थायी शिविर तैयार किए जा रहे हैं।

खतरे में दियारा क्षेत्र और निचले इलाके

गंगा, गंडक और कोसी के बढ़ते जलस्तर से दियारा क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। पटना, मुंगेर, भागलपुर और कहलगांव जैसे जिलों में नदियों का पानी तेजी से फैल रहा है। दियारा क्षेत्र के लोग अब अपने घरों से सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं।

जल संसाधन विभाग ने बताया कि गंगा नदी का जलस्तर अब बहुत ही तेज़ी से बढ़ रहा है और यदि बारिश इसी तरह जारी रही, तो अगले कुछ दिनों में कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है। प्रशासन ने नाव, राहत सामग्री, मेडिकल टीम और आपातकालीन हेल्पलाइन तैयार रखी है।

प्रशासन की तैयारियां तेज

बिहार सरकार और स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ से निपटने की सभी तैयारियां तेज कर दी हैं। जल संसाधन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग और जिला प्रशासन मिलकर निगरानी रख रहे हैं। संवेदनशील इलाकों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया जा रहा है।

बिहार में मानसून जहां एक तरफ किसानों के लिए राहत लेकर आता है, वहीं दूसरी तरफ नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण यह अब तबाही का रूप लेता जा रहा है। लगातार बढ़ते जलस्तर ने तटीय जिलों के निवासियों को दहशत में डाल दिया है। यदि बारिश का दौर इसी तरह जारी रहा, तो बिहार के कई जिलों में गंभीर बाढ़ की स्थिति बन सकती है। प्रशासन अलर्ट मोड में है लेकिन लोगों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है।