
स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर |
पटना मेट्रो परियोजना को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। जुलाई 2025 में राजधानी में तीन कोच वाली मेट्रो ट्रेन पहुंचेगी, जिसके बाद इसका ट्रायल 6 किलोमीटर लंबे प्राथमिक कॉरिडोर पर शुरू किया जाएगा। यह मेट्रो ट्रेन न केवल ऊर्जा की बचत करेगी बल्कि शहरी गतिशीलता को भी एक नई दिशा देगी।
पटना मेट्रो के पहले चरण में तीन कोच वाली मेट्रो ट्रेन का ट्रायल जल्द शुरू होने वाला है। यह मेट्रो ट्रेन जुलाई 2025 में पटना पहुंचेगी और इसे 6 किमी लंबे प्राथमिक कॉरिडोर पर चलाया जाएगा। इस कॉरिडोर में कुल 5 स्टेशन होंगे - न्यू पाटलिपुत्र बस टर्मिनल, जीरो माइल, भूतनाथ, खेमनीचक और मलाही पकड़ी। हालांकि, प्रारंभिक चरण में मेट्रो खेमनीचक स्टेशन पर नहीं रुकेगी क्योंकि यहां का इंटरचेंज स्टेशन अभी तैयार नहीं है।
इस मेट्रो के हर कोच की क्षमता 300 यात्रियों की होगी, जिससे कुल मिलाकर 900 यात्री एक ट्रिप में सफर कर सकेंगे। यह डिजाइन पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा दक्ष है। कम दूरी की यात्रा के लिए विकसित की गई इस छोटी ट्रेन से ऊर्जा की खपत भी कम होगी, जिससे परिचालन लागत घटेगी और पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।
मेट्रो के कोचों की खरीद के लिए पहले जापान सरकार के फंड का इंतजार था, लेकिन उसमें देरी होने के कारण राज्य सरकार ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को 115 करोड़ रुपये जारी किए। इसके तहत ट्रेन, पटरी, लिफ्ट और एस्केलेटर की खरीद की गई है। टिटलागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा निर्मित यह ट्रेन पटना के प्राथमिक कॉरिडोर में इस्तेमाल की जाएगी।
यह तीन कोच वाली मेट्रो भविष्य के लिए एक स्मार्ट और किफायती समाधान के रूप में देखा जा रहा है, जो शहरी गतिशीलता में बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।