Ad Image
Ad Image
चुनाव आयोग: EPIC नहीं तो 12 वैकल्पिक ID प्रूफ से कर सकेंगे मतदान || बिहार विधानसभा चुनाव 25 : 121 सीट के लिए अधिसूचना जारी || गाजा युद्ध विराम की निगरानी के लिए 200 अमेरिकी सैनिक होंगे तैनात || इजरायल और हमास ने किए गाजा शांति योजना पर हस्ताक्षर: राष्ट्रपति ट्रंप || टाइफून मातमो तूफान को लेकर चीन में ऑरेंज अलर्ट, सेना तैयार || हमास बंधकों को करेगा रिहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा पर बमबारी रोकने को कहा || पहलगाम हमले के बाद पता चला कौन भारत का असली मित्र: मोहन भागवत || भारत के साथ व्यापार असंतुलन कम करने का अपने अधिकारियों को पुतिन का आदेश || मेक्सिको की राष्ट्रपति शीनबाम की इजरायल से अपील, हिरासत में लिए मेक्सिको के नागरिकों को जल्दी रिहा करें || शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र का मिर्जापुर में निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

बिहार चुनाव 2025: जन सुराज ने उतारे 51 खास उम्मीदवार

स्टेट डेस्क, मुस्कान कुमारी |

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर दी है। कुल 51 प्रत्याशियों की इस लिस्ट में पूर्व आईपीएस अधिकारी, प्रतिष्ठित शिक्षाविद, डॉक्टर, वरिष्ठ अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता जैसे चर्चित चेहरे शामिल हैं। पार्टी का दावा है कि उन्होंने जाति, धर्म या वंश की राजनीति को दरकिनार कर साफ-सुथरी छवि और पेशेवर योग्यता वाले व्यक्तियों को मैदान में उतारा है। यह जन सुराज के चुनावी सफर की औपचारिक शुरुआत है और इसके साथ ही बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में एक नई चर्चा छिड़ गई है।  

भागलपुर दंगा नियंत्रित करने वाले ‘सुपरकॉप’  

सूची में सबसे बड़ा नाम पूर्व आईपीएस अधिकारी आरके मिश्रा का है। 1986 बैच के मिश्रा को 1989 के भागलपुर दंगों में बतौर एसपी निर्णायक भूमिका निभाने के लिए ‘सुपरकॉप’ कहा जाता है। बिहार पुलिस के डीजीपी रह चुके मिश्रा को दरभंगा विधानसभा सीट से टिकट मिला है। प्रशांत किशोर ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि वह राज्य के सबसे सम्मानित पुलिस अधिकारियों में रहे हैं, और उनके अनुभव से जनता को न्याय और सुरक्षा का भरोसा मिलेगा।  

शिक्षा और स्वास्थ्य जगत के चेहरे  

जन सुराज की लिस्ट में मशहूर गणितज्ञ केसी सिन्हा भी हैं, जिनकी किताबें कई दशकों से छात्रों के बीच लोकप्रिय हैं। पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रहे सिन्हा को बीजेपी के गढ़ माने जाने वाले कुम्हरार से उम्मीदवार बनाया गया है, जिसे पार्टी के साहसिक कदम के तौर पर देखा जा रहा है। मुजफ्फरपुर से ग्रामीण स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले लोकप्रिय चिकित्सक डॉ. अमित कुमार दास को उतारा गया है, जिनका चिकित्सा सेवा और सामुदायिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा योगदान माना जाता है। इसी तरह, पटना हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और भारत के पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल वाईबी गिरी को मांझी सीट से टिकट मिला है। गिरी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं।  

राजनीति में पारिवारिक और सामाजिक पहचान  

समस्तीपुर के मोरवा से टिकट मिला है जागृति ठाकुर को, जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की पोती हैं। उनका नाम सूची में आने से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज है, क्योंकि वह अब तक सामाजिक कार्यों में सक्रिय रही हैं और अब प्रत्यक्ष राजनीति में कदम रख रही हैं। गोपालगंज के भोर सीट से प्रीति किन्नर को उतारा गया है, जो तृतीय लिंग समुदाय से आती हैं और वंचित वर्गों के लिए लगातार काम करती रही हैं। यह कदम पार्टी की समावेशी सोच और सामाजिक विविधता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 2000 बैच के पूर्व आईपीएस अधिकारी और पूर्व एडीजीपी-सीआईडी जय प्रकाश सिंह को छपरा से मैदान में उतारा गया है, जो कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण में उनके अनुभव के लिए जाने जाते हैं।  

26 जिलों में 51 उम्मीदवार  

पार्टी अध्यक्ष उदय सिंह और बिहार इकाई प्रमुख मनोज भारती ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया। सूची में 26 जिलों की 51 सीटें शामिल हैं, जिनपर पार्टी ने दांव लगाया है। यह जन सुराज के लिए बिहार की जनता के बीच प्रत्यक्ष उपस्थिति दर्ज कराने का पहला बड़ा मौका है।  
अधिकारियों ने बताया कि प्रशांत किशोर 11 अक्टूबर को राजद नेता तेजस्वी यादव के राघोपुर निर्वाचन क्षेत्र से आधिकारिक प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे। हालांकि, इस पर सस्पेंस अभी भी कायम है कि प्रशांत किशोर खुद चुनाव लड़ेंगे या नहीं।

‘योग्यता’ पर केंद्रित चुनावी रणनीति  

पार्टी की रणनीति साफ है; जन सुराज उन व्यक्तियों को प्राथमिकता देगा जिनकी व्यक्तिगत पहचान और कामकाज जनता के बीच मजबूत है, चाहे वे प्रशासन के दिग्गज हों, शिक्षा के स्तंभ, कानूनी क्षेत्र के वरिष्ठ हों या समाज सुधार के सक्रिय कार्यकर्ता।  
प्रशांत किशोर का यह प्रयोग ऐसे वक्त में हो रहा है जब बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण और पारिवारिक विरासत लंबे समय से चुनावी सफलता की कुंजी माने जाते रहे हैं। जन सुराज इनमें बदलाव लाने का दावा कर रही है।  
प्रारंभिक सूची में शामिल नामों के जरिए पार्टी यह संदेश दे रही है कि उसकी नजरें पेशेवर योग्यता और ईमानदार छवि वाले उम्मीदवारों पर हैं, न कि पारंपरिक वोट बैंक समीकरण पर।