
स्टेट डेस्क, आर्या कुमारी |
बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ तेज़ हैं। चुनाव आयोग ने 28 लाख नए और संशोधित मतदाताओं को ईपिक भेजने का काम शुरू कर दिया है। लक्ष्य है कि अक्टूबर के अंत तक सभी को ईपिक मिल जाए। अगर ईपिक नहीं मिलता है, तो 12 अन्य प्रमाण पत्र दिखाकर मतदान किया जा सकता है। इस बार मतदाता सूची में 21.53 लाख नए नाम शामिल हैं, जिनमें 14 लाख युवा पहली बार वोट डालेंगे।
जैसे ही नामांकन का दौर शुरू हुआ, आयोग ने तैयारियाँ तेज़ कर दी हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने जिला अधिकारियों को इसके लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए हैं। आयोग का लक्ष्य है कि अक्टूबर के अंत तक सभी योग्य मतदाताओं को ईपिक मिले, ताकि किसी को मतदान से वंचित न होना पड़े।
14 लाख युवा पहली बार वोट डालेंगे
सीईओ कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, मतदाता सूची में लगभग 21.53 लाख नए नाम शामिल हैं, जिनमें 18–19 वर्ष उम्र के 14 लाख युवा हैं। इसके अलावा सात लाख से अधिक मतदाताओं ने विभिन्न कारणों से ईपिक में संशोधन करवाया है। इस बार मतदाता सूची में नाम जोड़ने वालों की संख्या पिछली बार से अधिक है। युवा मतदाताओं में राजनीतिक चेतना बढ़ने से पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। आयोग इन सभी मतदाताओं को डिजिटल और भौतिक रूप में ईपिक उपलब्ध कराने में जुटा है।
विश्लेषकों के अनुसार, युवाओं और पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं पर सभी राजनीतिक दलों की नजर है। भाजपा, जदयू, राजद, कांग्रेस और जन सुराज जैसी पार्टियां इस नए मतदाता वर्ग को आकर्षित करने के लिए इंटरनेट और जमीनी अभियान दोनों पर जोर दे रही हैं। चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए इस बार ईपिक वितरण में QR कोड और डिजिटल सत्यापन प्रणाली जोड़ी गई है। अधिकारियों का दावा है कि 15 दिन के अंदर सभी मतदाताओं को ईपिक उपलब्ध कराया जाएगा।