
नेशनल डेस्क, एन.क. सिंह |
भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी की बड़ी कामयाबी, बांग्लादेशी घुसपैठिया गिरफ्तार, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंताएं उजागर, घुसपैठिए का भारत के विभिन्न राज्यों में प्रवेश का था उद्देश्य, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर, सीमा पर बढ़ी चौकसी और खुफिया जानकारी से उसकी गिरफ्तारी संभव हुई, जिसमें विदेशी मुद्रा भी हुई बरामद।
पूर्वी चंपारण: भारत-नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के 47वीं वाहिनी के जवानों ने अपनी पैनी निगाह और उच्च सतर्कता का परिचय देते हुए एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित खतरे को टाल दिया है। शुक्रवार, 4 जुलाई 2025 को, जवानों ने रक्सौल स्थित मैत्री ब्रिज, कस्टम चेकपोस्ट के समीप से एक बांग्लादेशी नागरिक को भारतीय सीमा में अवैध रूप से प्रवेश करते समय हिरासत में ले लिया।
एसएसबी की 47वीं वाहिनी, रक्सौल के जवानों ने इस बांग्लादेशी नागरिक को उस समय रोका, जब वह नेपाल की ओर से भारतीय क्षेत्र में बिना किसी वैध भारतीय वीजा के पैदल ही अवैध रूप से सीमा पार करने का प्रयास कर रहा था। उसकी संदिग्ध गतिविधियों ने तत्काल जवानों का ध्यान आकर्षित किया, जिसके बाद उसे रोककर पूछताछ की गई। प्रारंभिक पूछताछ में पकड़े गए व्यक्ति ने अपना नाम सईद इकबाल अहमद बताया, जिसकी आयु 43 वर्ष है।
उसकी तलाशी के दौरान, सुरक्षाकर्मियों को उसके पास से 50 अमेरिकी डॉलर के साथ-साथ बांग्लादेशी और नेपाली मुद्रा भी बरामद हुई। पूछताछ के दौरान सैयद इकबाल ने जो खुलासे किए, वे और भी चौंकाने वाले हैं। उसने बताया कि उसका मुख्य उद्देश्य भारत में अवैध रूप से प्रवेश कर देश के विभिन्न राज्यों के शहरों में घुसपैठ करना था।
बता दे कि यह कोई पहली घटन नहीं है, इससे पहले भी, इसी संवेदनशील सीमा मार्ग से चीन, इराक, कनाडा और स्वयं बांग्लादेश जैसे विभिन्न तीसरे देशों के नागरिकों द्वारा अवैध घुसपैठ के प्रयास किए गए हैं। हालांकि, एसएसबी के सजग और सतर्क जवानों ने इन सभी प्रयासों को समय रहते सफलतापूर्वक विफल किया है, जिससे देश को संभावित खतरों से बचाया जा सका है।
वर्तमान घटना की पृष्ठभूमि में, मैत्री ब्रिज पर सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ करने के उद्देश्य से 47वीं वाहिनी द्वारा हाल ही में एक अस्थाई चेकपोस्ट स्थापित किया गया है। इस चेकपोस्ट पर लगातार की जा रही सघन जांच और पहले से प्राप्त सैन्य खुफिया सूचनाओं के आधार पर सीमा पर चौकसी को और भी पुख्ता किया गया है। इन्हीं प्रभावी सुरक्षा उपायों और जवानों की मुस्तैदी का ही परिणाम है कि आज की यह घुसपैठ की कोशिश समय रहते विफल की जा सकी। एसएसबी के डीआईजी एस सुब्रहमण्यम ने सीमा पर विशेष सतर्कता बरतने और गहन जांच करने के लिए सभी संबंधित इकाइयों को कड़े निर्देश जारी किए हैं।
47वीं वाहिनी के कार्यवाहक कमांडेंट संजय रावत ने इस गिरफ्तारी पर जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि सशस्त्र सीमा बल देश की सीमाओं की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से सतर्क, सजग और पूर्णतः प्रतिबद्ध है। उन्होंने दृढ़तापूर्वक कहा कि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि अथवा घुसपैठ के प्रयास को किसी भी स्थिति में सफल नहीं होने दिया जाएगा। यह सफल कार्रवाई सीमा सुरक्षा में एसएसबी के महत्वपूर्ण योगदान और उनकी अक्षम्य प्रतिबद्धता का एक ज्वलंत उदाहरण है।