
रिपोर्ट: श्रेया पांडेय
मिज़ोरम: मिज़ोरम ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए भारत का पहला पूर्ण साक्षर राज्य बनने का गौरव प्राप्त किया है। यह उपलब्धि केंद्र सरकार की ULLAS - नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत संभव हो सकी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के हर नागरिक को बुनियादी साक्षरता और डिजिटल शिक्षा से जोड़ना है।
20 फरवरी 1987 को राज्य का दर्जा प्राप्त करने वाले मिज़ोरम की साक्षरता दर 2011 की जनगणना के अनुसार पहले ही 91.33% थी, जो देश में तीसरे स्थान पर थी। इस मजबूत शैक्षणिक आधार पर आगे बढ़ते हुए मिज़ोरम में ULLAS कार्यक्रम को पूरी प्रतिबद्धता के साथ लागू किया गया। कार्यक्रम का लक्ष्य राज्य के उन अंतिम व्यक्तियों तक पहुंचना था, जो अब तक शिक्षा की मुख्यधारा से दूर थे।
2023 में राज्यभर में किए गए एक व्यापक सर्वेक्षण में 3,026 निरक्षर लोगों की पहचान की गई। इनमें से 1,692 लोगों ने नियमित रूप से पढ़ना-लिखना शुरू किया और साक्षरता के अभियान में भाग लिया। निरंतर प्रयासों और सामुदायिक भागीदारी के परिणामस्वरूप, राज्य की कुल साक्षरता दर बढ़कर 98.20% हो गई। यह भारत सरकार द्वारा निर्धारित 95% साक्षरता के लक्ष्य से कहीं अधिक है।
इस शानदार उपलब्धि के चलते मिज़ोरम को आधिकारिक रूप से पूर्ण साक्षर राज्य घोषित कर दिया गया। यह उपलब्धि न केवल मिज़ोरम के लिए गर्व की बात है, बल्कि देशभर में शिक्षा और जागरूकता की दिशा में प्रेरणा का स्रोत भी बनेगी। शिक्षा की यह रौशनी अब देश के अन्य राज्यों को भी मार्गदर्शन प्रदान करेगी।