
लोकल डेस्क, एन. के. सिंह।
10 लाख फर्जी जीमेल अकाउंट और विदेशी दस्तावेज जब्त....
मोतिहारी: साइबर पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक इंटरनेशनल साइबर फ्रॉड रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के तार सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि मेक्सिको और यूक्रेन जैसे देशों से भी जुड़े होने का संदेह है। पुलिस ने भारी मात्रा में तकनीकी उपकरण और फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं, जिससे इस बड़े पैमाने पर चल रहे अपराध का खुलासा हुआ है।
खुफिया सूचना पर कार्रवाई
साइबर डीएसपी सह साइबर थानाध्यक्ष अभिनव पराशर ने बताया कि मोतिहारी साइबर थाना लगातार साइबर ठगों पर निगरानी रख रहा था। इसी क्रम में, 1 और 2 सितंबर की दरमियानी रात को एक खुफिया सूचना मिली कि तुर्कौलिया थाना क्षेत्र के टिकैता गांव में परवेज अंसारी के घर पर एक बड़ा साइबर फ्रॉड गैंग सक्रिय है। इस सूचना के आधार पर, साइबर टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए परवेज अंसारी के घर पर छापेमारी की।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में संदिग्ध सामान और उपकरण जब्त किए। इनमें कंप्यूटर (सीपीयू और मॉनिटर), कई मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, पासबुक, चेकबुक, बायोमेट्रिक मशीन, प्रिंटर और वाईफाई डिवाइस शामिल थे। सबसे चौंकाने वाली बरामदगी में एक मेक्सिको के नागरिक का ड्राइविंग लाइसेंस और यूक्रेन का एक शैक्षणिक प्रमाणपत्र मिला।
करोड़ों का फर्जीवाड़ा और मास्टरमाइंड की पहचान
जांच में पता चला है कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड परवेज अंसारी है। इसके साथ ही, एक नेपाली नागरिक रवि यादव और कुछ अन्य अज्ञात लोग भी इस गिरोह में शामिल हैं। पुलिस ने परवेज अंसारी के सीपीयू की जांच की तो उसमें लगभग 10 लाख फर्जी जीमेल आईडी और उनके पासवर्ड मिले। ये अकाउंट संभवतः बड़े पैमाने पर ऑनलाइन धोखाधड़ी, फिशिंग और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जाते थे।
बरामद सामान की सूची से पता चलता है कि गिरोह के पास न केवल तकनीकी उपकरण थे, बल्कि वे फर्जी दस्तावेज भी बनाते थे। पुलिस को 182 खाली स्मार्ट कार्ड, 32 एटीएम कार्ड, 11 पासबुक, 18 चेकबुक और एक स्कॉर्पियो एन गाड़ी भी मिली है, जिसका इस्तेमाल शायद इन गतिविधियों के लिए किया जाता था। इसके अलावा, एक पासपोर्ट और नेपाली नागरिक के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जिससे इस गिरोह के अंतरराष्ट्रीय संबंधों की पुष्टि होती है।
वैज्ञानिक जांच और आगे की कार्रवाई
पुलिस ने जब्त किए गए सभी सामानों की तकनीकी और वैज्ञानिक जांच शुरू कर दी है। इस जांच में तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है ताकि गिरोह के पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके। पुलिस उपाधीक्षक अभिनव पराशर के नेतृत्व में इस छापेमारी दल में कई पुलिस निरीक्षक और उप-निरीक्षक शामिल थे, जिन्होंने इस जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
साइबर पुलिस ने कहा है कि यह सिर्फ शुरुआत है और इस गिरोह के अन्य सदस्यों को भी जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।