Ad Image
पाकिस्तान: इमरान खान का भांजा गिरफ्तार, 2023 के दंगे मामले में आरोपित || नेपाल आधिकारिक रूप से इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस का सदस्य बना || बिहार: वोटर अधिकार रैली में बोले राहुल, भाजपा सत्ता का केंद्रीकरण चाहती है || आज भारत दोराहे पर, लोकतांत्रिक संस्थाओं पर कब्जा हो रहा: खरगे || नई अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है भारत: PM मोदी || गोपालगंज: दिल्ली में पूर्व सांसद काली पांडेय का निधन || पटना: नालंदा बॉर्डर के पास मिनी वैन और ट्रक की टक्कर - 8 की मौत, 4 घायल || कोलंबिया : दो बम हमलों में 18 की मौत, 30 से ज्यादा लोग घायल || PM नरेंद्र मोदी ने गयाजी में 13 हजार करोड़ की योजनाओं की घोषणा की || वैशाली : हाजीपुर में AK 47 बरामदगी मामले में राजू राय के घर NIA का छापा

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

यूक्रेन युद्ध समाप्त कराने के लिए ट्रंप ने भारत पर लगाए प्रतिबंध

विदेश डेस्क, ऋषि राज |

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त कराने के लिए भारत पर नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने जानकारी दी कि यह प्रतिबंध मुख्य रूप से आयात शुल्क के रूप में लगाए गए हैं। इन कदमों का उद्देश्य भारत पर अतिरिक्त दबाव बनाना है ताकि वह रूस के साथ अपनी आर्थिक और सामरिक भागीदारी की दिशा पर पुनर्विचार करे और युद्धविराम सुनिश्चित करने में रचनात्मक भूमिका निभाए।

लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का मानना है कि भारत, जो रूस के साथ ऊर्जा, रक्षा और व्यापारिक क्षेत्र में गहरे संबंध रखता है, उसके पास यूक्रेन संकट के समाधान में प्रभावी भूमिका निभाने की क्षमता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिकी प्रतिबंधों का लक्ष्य भारत को दंडित करना नहीं है, बल्कि उसे इस संघर्ष को समाप्त कराने के लिए एक सक्रिय मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और कई यूरोपीय नेताओं के साथ बैठक की थी, जिसमें युद्धविराम और शांति वार्ता की संभावनाओं पर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, उसी बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि भारत पर दबाव बढ़ाकर रूस पर अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव डाला जा सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप प्रशासन का यह कदम वैश्विक कूटनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। भारत, जो अब तक रूस और पश्चिम दोनों के साथ संतुलन बनाकर चल रहा था, उसे अब अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है। हालांकि, भारत बार-बार यह स्पष्ट कर चुका है कि उसका उद्देश्य केवल शांति और स्थिरता बहाल करना है और वह किसी भी पक्ष के दबाव में नहीं झुकेगा।

अमेरिकी प्रतिबंधों की घोषणा के तुरंत बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रियाएं भी आने लगीं। यूरोपीय संघ के कुछ नेताओं ने इसे "साहसिक लेकिन जोखिमपूर्ण कदम" बताया, जबकि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि भारत पर दबाव डालने से वह रूस के और करीब जा सकता है।

अब देखना होगा कि भारत इन प्रतिबंधों पर कैसी प्रतिक्रिया देता है और क्या यह कदम वास्तव में रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त कराने में मददगार साबित होता है, या फिर यह एक नए भू-राजनीतिक विवाद की शुरुआत करेगा।