
स्टेट डेस्क, श्रेया पांडेय |
संभल, यूपी में दर्दनाक सड़क हादसा: बारात की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त, दूल्हे समेत 8 की मौत; पीएम ने राहत राशि की घोषणा की
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शुक्रवार को एक हृदयविदारक सड़क हादसा हुआ, जिसमें खुशी का माहौल पलभर में मातम में बदल गया। एक बारात की गाड़ी, जिसमें दूल्हा और अन्य बाराती सवार थे, अचानक अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस भीषण हादसे में दूल्हे समेत कुल 8 लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। यह हादसा जिले के बहजोई थाना क्षेत्र के पास हुआ, जहां एक तेज रफ्तार गाड़ी डिवाइडर से टकराकर पलट गई। हादसा इतना भीषण था कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए और मौके पर चीख-पुकार मच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गाड़ी में कुल 12 से अधिक लोग सवार थे, जो बारात में शामिल होकर वापस लौट रहे थे। रास्ते में अचानक वाहन का संतुलन बिगड़ गया और वह सीधा डिवाइडर से टकराकर पलट गई। आसपास के लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और घायलों को निकटवर्ती अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन दुखद रूप से आठ लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी। मृतकों में दूल्हा भी शामिल है, जिसकी शादी की तैयारियों में पूरा परिवार व्यस्त था। यह हादसा परिवार और गांव के लिए गहरे सदमे का कारण बन गया है।
इस हादसे की खबर जैसे ही वायरल हुई, पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया गया कि प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को प्रत्येक को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इसके अलावा गंभीर रूप से घायलों को भी 50 हजार रुपये तक की मदद दी जाएगी।
राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। संभल के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी की। प्रशासन ने मृतकों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था और परिजनों को हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया है।
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और वाहन नियंत्रण की गंभीरता को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अक्सर बारातों में वाहन क्षमता से अधिक लोगों को बैठाया जाता है, जो हादसों की प्रमुख वजह बनती है। इसके अलावा तेज रफ्तार और ड्राइवर की थकान या लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है।
संभल की यह घटना न सिर्फ एक परिवार की खुशियों को निगल गई, बल्कि पूरे समाज को झकझोरने वाली बन गई है। सरकार और समाज दोनों के लिए यह आत्ममंथन का समय है कि ऐसे हादसे फिर न दोहराए जाएं। सड़क सुरक्षा के नियमों का सख्ती से पालन और यातायात नियंत्रण के लिए जनजागरूकता बेहद आवश्यक हो गई है।