
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
रूस का अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला: यूक्रेन पर दागे 477 ड्रोन और 60 मिसाइलें
रूस ने शुक्रवार देर रात से शनिवार सुबह तक यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया। इस हमले में 477 आत्मघाती ड्रोन और 60 मिसाइलें यूक्रेनी शहरों पर दागी गईं। यूक्रेनी वायुसेना और अधिकारियों के अनुसार, यह हमला यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर किया गया।
हमले की प्रमुख बातें:
477 शहीद ड्रोन और 60 मिसाइलें दागीं गईं।
यूक्रेन के कम से कम 10 शहरों में धमाके सुने गए।
ऊर्जा संयंत्र, ट्रांसफॉर्मर और सबस्टेशन मुख्य लक्ष्य रहे।
कम से कम 38 लोगों की मौत और 120 से अधिक घायल हुए हैं।
राजधानी कीव, खारकीव, ओडेसा, लवीव, और डनीप्रो पर सबसे भारी हमले हुए।
यूक्रेन की प्रतिक्रिया:
यूक्रेनी वायुसेना ने दावा किया कि उन्होंने 370 ड्रोन और 32 मिसाइलों को सफलतापूर्वक मार गिराया।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इस हमले को "युद्ध अपराध" बताते हुए कहा:
"रूस ने हमारे नागरिक बुनियादी ढांचे को जानबूझकर निशाना बनाया है। यह केवल युद्ध नहीं, यह मानवता के खिलाफ अपराध है।”
ऊर्जा संकट गहराया:
60% से अधिक बिजली ग्रिड क्षतिग्रस्त हो गया है।
कीव और पूर्वी यूक्रेन के कई शहरों में ब्लैकआउट की स्थिति है।
सरकार ने राष्ट्रीय आपातकालीन ऊर्जा योजना लागू कर दी है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
अमेरिका, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन ने हमले की कड़ी निंदा की। संयुक्त राष्ट्र ने कहा – “आम नागरिकों पर हमले अस्वीकार्य हैं।” नाटो प्रमुख जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने रूस को चेताया कि वह इस प्रकार के हमलों से तनाव को और बढ़ा रहा है। यह हमला ऐसे समय पर हुआ है जब यूक्रेन नाटो की सदस्यता को लेकर बातचीत कर रहा है। रूस को हाल ही में पूर्वी फ्रंट में सैन्य झटका लगा है। पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को नए रक्षा हथियार और एंटी-एयर डिफेंस सिस्टम मुहैया कराए हैं।
यह हवाई हमला न केवल यूक्रेन की ऊर्जा व्यवस्था को प्रभावित करने का प्रयास है, बल्कि आम नागरिकों के मन में डर और असुरक्षा पैदा करने की रणनीति भी लगती है। आने वाले दिनों में इस हमले के रणनीतिक और राजनीतिक प्रभाव पूरी दुनिया में महसूस किए जा सकते हैं।