
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के मुखिया इमरान खान की मुश्किलें थमती नजर नहीं आ रही हैं। शनिवार को लाहौर की एक अदालत ने इमरान खान के भांजे शेरशाह खान को 9 मई, 2023 को हुए दंगों के मामले में पांच दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
9 मई 2023: पाकिस्तान में हिंसा का कारण और समयरेखा
9 मई 2023 को, इस्लामाबाद हाईकोर्ट परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की भ्रष्टाचार मामले में अंततः गिरफ्तारी हुई। इस घटना ने पूरे देश में PTI समर्थकों के गुस्से और विरोध प्रदर्शन को ट्रिगर किया।
खान की गिरफ्तारी उस समय हुई जब वह न्यायिक सुनवाई के बाद बाहर निकल रहे थे, और उनका आरोप था कि सेना ने साजिश के तहत उन्हें गिरफ़्तार कराया।
हिंसा और लूट-फ़साद
गिरफ्तारी के तुरंत बाद पाकिस्तान के कई शहरों में व्यापक हिंसक प्रदर्शन और दंगे भड़क उठे, जिनमें सरकार और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले, आगजनी और तोड़फोड़ शामिल थी। सरकारी और सैन्य संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ। रावलपिंडी में आर्मी हेडक्वॉर्टर (जीएचक्यू) और लाहौर में आईवी कोर्प्स कमांडर का आवास, मियांवाली एयरबेस और रेडियो पाकिस्तान भवन को लक्षित किया गया था। हिंसा कम से कम 24 घंटे तक जारी रही। पंजाब में 3,200 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 162 पुलिसकर्मी घायल हुए। सरकार ने कर्फ़्यू, इंटरनेट शटडाउन, और सैन्य बलों की तैनाती जैसी आपातकालीन कार्रवाइयाँ चलाईं।
पाकिस्तान की सैन्य अदालतों ने 25 नागरिकों को 2 से 10 साल की सजा सुनाई। इनमें 14 को सबसे गंभीर 10 साल की सजा मिली। वहीं 8 वरिष्ठ PTI पदाधिकारियों को भी 10 साल जेल की सजा सुनाई गई है।
बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 8 मामले में इमरान खान को जमानत दी, लेकिन वे कई अन्य मामलों के तहत अभी भी जेल में हैं। अमेरिका और ब्रिटेन ने सैन्य अदालतों में नागरिकों के मुकदमे की प्रक्रिया की निष्पक्षता और स्वतंत्रता पर सवाल उठाए हैं।
इस घटना ने पाकिस्तान की राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था को हिलाकर रख दिया था।
शेरशाह खान पर आरोप
शेरशाह खान पर आरोप है कि उन्होंने उस दिन हुई हिंसक घटनाओं में सक्रिय भूमिका निभाई थी। अभियोजन पक्ष का कहना है कि वे भीड़ को भड़काने और तोड़फोड़ में शामिल रहे। इसी सिलसिले में उन्हें हिरासत में लेकर अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने पांच दिन की रिमांड स्वीकृत कर दी।
राजनीतिक हलचल
इस गिरफ्तारी ने पाकिस्तान में एक बार फिर से राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। इमरान खान पहले से ही भ्रष्टाचार और अन्य मामलों में जेल में बंद हैं, वहीं अब उनके परिवार के सदस्य और पार्टी के अन्य नेताओं पर भी कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। PTI पार्टी का आरोप है कि सरकार राजनीतिक प्रतिशोध में उनके नेताओं को निशाना बना रही है।
आगे की कार्यवाही
अदालत ने जांच एजेंसियों को पांच दिन की अवधि में शेरशाह खान से पूछताछ पूरी करने का निर्देश दिया है। इसके बाद उन्हें दोबारा अदालत में पेश किया जाएगा। दूसरी ओर, बचाव पक्ष का कहना है कि शेरशाह निर्दोष हैं और सरकार उन्हें केवल राजनीतिक दबाव बनाने के लिए फंसा रही है।
इमरान खान के भांजे की गिरफ्तारी से स्पष्ट है कि 9 मई दंगों के मामले में जांच अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। यह कदम पाकिस्तान की पहले से ही अस्थिर राजनीतिक स्थिति को और अधिक जटिल बना सकता है।